एक ऐसा गाँव जहां हज़ारों की तादाद में की जाती है ज़हरीले सांपों की खेती
नई दिल्ली। आपने अब तक सुना होगा खेतों में तरह-तरह के अनाजों और सब्जियों की खेती की जाती है। मुर्गी पालन फार्म जहां मुर्गे पाले जाते हैं। यहाँ तक की मधु मक्खी पालन भी होता है, मछली, बकरी पालन भी किया जाता है.लेकिन क्या आपको पाता है कि एक ऐसी जगह भी है जहां सांप पालन किया जाता है। आपको पाता है ऐसा हमारे पड़ोस के ही एक देश में ऐसा होता है और वह देश है चीन यहां के लोग लाखों की संख्या में जहरीले सांपों की खेती करते हैं। चाइना में एक गांव है जहां हर साल 30 लाख से भी अधिक जहरीले सांप पीला जाते हैं और यहाँ उन्हें पैदा किया जाता है। इस गाव का नाम है जिसिकियाओ यहाँ बाकायदा स्नेक फार्मिंग की जाती है। इस गांव की मौजूदा आबादी लगभग एक हजार है। जिससे पाता चलता है गांव का अमूमन हर शख्स हर साल लगभग 30 हजार सांप पैदा करता है।
यहां पाले जाने वाले सांपों की प्रजाति में विशाल कोबरा, अजगर, और जहरीले वाइपर सहित कई जानलेवा सांप शामिल हैं। वैसे तो यहाँ के लोग सांप से डरते नहीं हैं लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि वह लोग बस एक ही सांप से सबसे ज़्यादा डरते हैं। जिसका नाम है फाइव स्टेप स्नेक। अब बात करते हैं कि इसका नाम फाइव स्टेप क्यों रखा गया है इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। यहाँ के लोगों का मानना है कि इस सांप के डसने के बाद इंसान सिर्फ पांच कदम ही चल पाता है और बस इतने में ही उसकी मौत हो जाती है।
इस गाँव के लोग सांपों का पालन इसलिए करते हैं ताकि वह उनके मांस और शरीर के अन्य अंग बाज़ार में बेच सकें। क्या आपको पाता है? सांप का मीट चाइना के लोग बड़े शौक से खाते हैं। साथ ही सांपों के शरीर के अंगों का उपयोग दवाइयां बनाने के काम में आता है। कब और क्यूँ ऐसा हुआ के लोग करने लगे साँपों का व्यापार। जिसिकियाओ गांव में और भी खेतियाँ होती हैं जैसे जूट, चाय, कपास की खेती होती रही है, लेकिन आज के समय में इस गाँव को पूरे विश्व में स्नेक फार्मिंग का कारण जाना जाता है।
इस गांव में स्नेक फार्मिंग की शुरुआत गांव के ही एक किसान यांग होंगचैंग ने की थी। होंगचैंग बताते हैं कि "जब मैं जवान था, तो गंभीर रूप से बीमार पड़ गया था। मेरा इलाज बस सांप से ही हो सकता था जिसके लिए उन्होंने एक जंगली सांप को पकड़ लिया". उसी समय उन्हें यह ख्याल आया के क्यूँ न वो सांपों का कारोबार करें। इसके बाद उन्होंने सांप पालना शुरू कर दिया। इस खेती के कारण जब उनकी आमदनी बढ़ने लगी तो गांव के दूसरे किसानों ने भी खेती का यह जरिया इख़्तियार किया। इस छोटे से गांव में सौ स्नेक फॉर्म्स हैं।
वह बताते हैं "सांपों को फार्म हाउस से बूचड़ खाने में ले जाने के बाद सबसे पहले इनके जहर को निकाला जाता है और फिर इनका सर काट दिया जाता है। फिर बाद में सांपों को काटकर उनका मीट निकालकर अलग रख देते हैं। फिर चमड़े को अलग कर दूप में सुखाया जाता है। उसके मीट का प्रयोग खाने और दवा बनाने के काम आता है। और इसी तरह बचे खुचे चमड़ों से बैग बनाकर उन्हें बाज़ार में बेचा जाता है।
एक ऐसा गाँव जहां हज़ारों की तादाद में की जाती है ज़हरीले सांपों की खेती
Reviewed by Hungerformoney
on
दिसंबर 09, 2017
Rating:
this is interesting and useful update. It's such a unbelievable news. Thanks for share with us.We provide tips Accurate Commodity Tips , Intraday Trading Tips On Mobile and Commodity Tips Free Trial
जवाब देंहटाएं